सावधान: गर्भवती महिलाओं व मां का दूध पीने वाले बच्चों के लिए WHO की जरूरी सूचना

1. क्यो कोरोना वायरस से गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा है?


2. गर्भवती महिलाएं खुद को कोविड-19 वायरस से कैसे सुरक्षित रखें?


3. क्या गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का टेस्ट कराना चाहिये?


4. क्या कोरोना वायरस गर्भवती महिला से उसके अजन्में या हाल में जन्में बच्चे तक पहुंच सकता है?


5. गर्भावस्था या बच्चे को जन्म देने के दौरान किस तरह की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिये?


6. कोविड-19 संदिग्ध या संक्रमित महिलाओं को ऑपरेशन के जरिये ही डिलीवरी करानी चाहिये?


7. क्या कोविड-19 से संक्रमित मां, बच्चे को अपना दूध पिला सकती है?


8. कोरोना संक्रमित महिला बच्चे को सीधे अपना दूध नहीं पिलाना चाहे तो उसे क्या करना चाहिये?



नई दिल्ली, कोविड-19 (Covid-19) पूरी दुनिया के लिए अभी भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। WHO के मुताबिक भारत समेत दुनिया के 195 देशों में कोरोना वायरस दस्तक दे चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगातार जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने अब कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए गर्भवती महिलाओं या हाल में बच्चों को जन्म देने जा रही महिलाओं समेत नवजात बच्चों और मां का दूध पीने वाले बच्चों के लिए आवश्यक सूचना जारी की है। डब्ल्यूएचओ द्वारा सवाल-जवाब के प्रारूम में जारी किया गया आठ बिन्दुओं का ये सुझाव बहुत महत्वपूर्ण है।


WHO: कोविड-19 (कोरोना वायरस) को लेकर दुनिया के तमाम देशों में फिलहाल कई तरह की रिसर्च चल रही हैं। इस वायरस से गर्भवती महिलाओं को होने वाले खतरे को लेकर भी बहुत से शोध चल रहे हैं। फिलहाल डाटा बहुत सीमित है, लेकिन अभी ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है जिसके आधार पर ये कहा जा सके कि कोरोना वायरस से गर्भवती महिलाओं को ज्यादा खतरा है। उन्हें भी इस वायरस से उतना ही खतरा है, जितना की किसी आम इंसान को है।


हालांकि गर्भवास्था के दौरान महिलाओं के शरीर और प्रतिरोधक सिस्टम में काफी परिवर्तन होता है, ऐसे में उनमें फेफड़े के इंफेक्शन (Respiratory Infections) का खतरा काफी ज्यादा रहता है। इसे देखते हुए गर्भवती महिलाओं को ये सलाह दी जाती है कि वह कोरोना वायरस से बचाव के लिए ज्यादा सावधानी बरतें। अगर उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण का कोई भी लक्षण जैसे कि बुखार, सर्दी-जुकाम या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या नजर आए तो उन्हें इसे गंभीरता से लेना चाहिये और तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिये।


A. एल्कोहल युक्त साबुन और पानी से निरंतर कम से कम 20 सेकेंड तक अपने हाथ धोती रहें।


B. दूसरों से दो मीटर से ज्यादा की दूरी बनाकर रखें। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।


C. अपनी आंख, नाक व मुंह को छुने से बचें। बिना हाथ धुले तो बिल्कुल भी न छुएं।


D. श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखें। इसका मतलब है कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। जब भी खांसी या छींक आए तो मुंह और नाक को कोहनी मोड़कर कवर लें। इसकी जगह पर टीशू पेपर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक बार इस्तेमाल करने के बाद टीशू पेपर को तुरंत सुरक्षित तरीके से डिस्पोज कर दें।


E. अगर आपको बुखार, सर्दी-जुकाम या सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें। अस्पताल जाने से पहले अस्पताल से फोन पर बात कर लें और उनके द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करें।


F. गर्भवती महिलाएं या जिन्होंने हाल में बच्चे को जन्म दिया है, अगर वो कोरोना वायरस से संक्रमित भी हैं तो वह अपना रूटीन ट्रीटमेंट जारी रखें।


WHO: कोरोना वायरस का टेस्टिंग प्रोटोकॉल (Protocols) और अर्हता (Eligibility) इस बात पर निर्भर करती है कि आप कहां रहती हैं। WHO का सुझाव है कि अगर गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस का लक्षण दिखे तो उन्हें टेस्ट में प्राथमिकता दी जानी चाहिये। अगर गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि होती है तो उन्हें इसके लिए विशेषज्ञ ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ेगी।


WHO: फिलहाल कहीं से ऐसी कोई खबर नहीं है कि कोविड-19 से संक्रमित किसी गर्भवती महिला से उसके गर्भ में मौजूद भ्रूण या हाल में जन्में बच्चे तक ये वायरस पहुंचा है। फिलहाल ये वायरस किसी गर्भवती महिला के गर्भ में मौजूद तरल या दूध (breastmilk) में नहीं पाया गया है।


A. सम्मानपूर्वक और बेहद सावधानी के साथ आपका ट्रीटमेंट हो।


B. प्रसव के दौरान आपकी इच्छा के अनुसार कोई एक करीबी आपके साथ मौजूद हो।


C. मैटेरनिटी स्टॉफ (Maternity Staff) के साथ स्पष्ट संवाद हो।


D. प्रसव के दौरान दर्द निवारण के लिए उचित पेन रिलीफ स्ट्रेटिजी (Pain Relief Strategies) अपनाई जाए।


अगर कोविड-19 की पुष्टि हो चुकी है या संदेह हो तो हेल्थ वर्कर्स को भी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय अपनाने चाहिये। इसमें हाथों की सफाई और सभी तरह के प्रोटेक्टिव क्लोदिंग (protective clothing) जैसे ग्लब्स, गाउन और मेडिकल मास्क शामिल हैं।


6. कोविड-19 संदिग्ध या संक्रमित महिलाओं को ऑपरेशन के जरिये ही डिलीवरी करानी चाहिये?


WHO: बिल्कुल नहीं। ऑपरेशन से प्रसव तभी होना चाहिये जब चिकित्सकीय रूप से उसकी आवश्यकता हो। हर महिला के प्रसव की कंडीशन अलग-अलग होती है। प्रसव किस तरह से हो ये महिला की इच्छा, चिकित्सकीय स्थितियों और अलग-अलग प्रसव कंडीशन पर निर्भर करता है।


WHO: हां, कोविड-19 से संक्रमित मां भी बच्चे को अपना दूध पिला सकती है, अगर वह चाहे तो। इसके लिए उन्हें कुछ सावधानी बरतनी होगी :


A. बच्चे को दूध पिलाने से पहले श्वसन संबंधी साफ-सफाई (Respiratory Hygiene) का अवश्य ध्यान रखें। मास्क जरूर पहनें।


B. बच्चे को छूने से पहले और बाद में साबुन व पानी से हाथ जरूर धोएं।


C. उन स्थान या सामान को नियमित साफ और संक्रमणरोधी करें, जहां आपने छुआ है।


WHO: संक्रमण की वजह से अगर मां की तबियत इतनी खराब है कि वह बच्चे को सीधे अपना दूध नहीं पिला सकती तो इसके कई विकल्प हैं। इसके लिए आप किसी भी संभव व सुरक्षित तरीके का इस्तेमाल कर सकती हैं, जो आपको स्वीकार्य हो। इसमें अपना दूध निकालकर बच्चे को पिलाना (Expressing Milk), स्वस्थ होने तक बच्चे को दूध पिलाना छोड़कर फिर से शुरू करना (Relactation) और किसी अन्य महिला का दूध पिलाना (Donor Human Milk) शामिल है।


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