नई दिल्ली : एक तरफ कहा जा रहा है कि तेज़ गर्मी (Summer) आते ही कोरोना वायरस (Corona Virus) का खतरा कम हो सकता है. किसी स्रोत का कहना है कि 37 डिग्री सेंटीग्रेड तो किसी स्रोत पर 40 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर कोरोना वायरस का सर्वाइव न कर पाना बताया जा रहा है. लेकिन तेज़ गर्मी के आते ही लॉकडाउन (Lockdown) संभवत: खत्म हो जाए और आप बाहर जाने के साथ ही घरों में एसी और कूलर चलाएं, तब क्या होगा?
क्या आपको घरों में कूलर और एसी (Air Conditioner) का इस्तेमाल करना चाहिए? खासकर कोरोना वायरस के संक्रमण (Covid 19) के इस दौर में क्या यह खतरनाक हो सकता है? क्या ऐसे ठंडक देने वाले यंत्रों के कारण वायरस (Virus) फैल सकता है? इन तमाम सवालों के जवाब देते हुए जानकारी से भरपूर एक पोस्ट डॉ. स्कंद शुक्ला ने फेसबुक (Facebook) के ज़रिए साझा की है, जो वायरल होने लगी है. इस पोस्ट को ध्यान से पढ़कर एसी और कूलर के इस्तेमाल के बारे में सजग होइए.
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एसी से कैसे फैल सकता है वायरस?
"कोविड-19 के संबंध में जितने लोग गरमी से आशा लगाए हैं, उतना ही एसी व कूलर-जैसे शीतल उपकरणों के प्रयोग को लेकर सशंकित हैं I
घरों में लगे निजी एसी व कूलरों से कारण कोविड-19 का कोई अतिरिक्त ख़तरा विशेषज्ञों के अनुसार नहीं है, किन्तु सार्वजनिक स्थलों पर इस्तेमाल किये जा रहे सेंट्रली एयरकंडीशनिंग यूनिटों से यह विषाणु फैल सकता है. अगर उनकी परिधि में कोई कोविड-19-संक्रमित व्यक्ति मौजूद हो. भारत में लॉकडाउन के बावजूद बैंक व अनेक सरकारी संस्थान काम कर रहे हैं, वहां यह बात बड़े महत्व की हो जाती है I
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विषाणु खांसने-छींकने-थूकने-बोलने के कारण निकली नन्ही बूंदों से सीधे एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है या आसपास के सामानों पर जमा होने के बाद उन्हें छूने से भी. ऐसे में सेंट्रली एयरकंडीशनिंग सिस्टम में पुनर्चक्रित (रीसायकिल) हो रही हवा में यदि किसी रोगी के विषाणु-कण पहुंच गए, तब संक्रमण दूसरे स्वस्थ लोगों में फैल सकता है.