आखिर किस उद्देश्‍य से रांची की मस्जिदों में छिपे थे 30 विदेशी मौलवी, जांच एजेंसियों के कान खड़े

         


           *  आखिर किस उद्देश्‍य से रांची की मस्जिदों में छिपे थे 30 विदेशी मौलवी.


           *   जांच एजेंसियों के कान खड़े.


           *   बड़ी साजिश का शक.


रांची। Coronavirus Lockdown रांची में एक सप्ताह के भीतर 29 विदेशी मौलवी का मिलना कोई बड़ी साजिश तो नहीं। जिले के विदेशी शाखा को उनके आने व रहने की सूचना नहीं होने के कारण वे संदिग्ध नजर आने लगे हैं। राज्य, यूं कहें तो पूरे देश में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉक डाउन नहीं किया गया होता तो इसका पता भी नहीं चलता। जमात के नाम पर कोई बड़ा खेल तो नहीं हो रहा है। देश के पटना, मेरठ की मस्जिदों के अलावा रांची के तमाड़ व हिंदपीढ़ी की मस्जिदों में चुपके-चुपके रह रहे भारी संख्या में विदेशी मौलवियों के मिलने के बाद से ही केंद्रीय जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।


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एनआइए, इंटेलिजेंस ब्यूरो सहित अन्य खुफिया एजेंसियां इनके मंसूबों का पता लगा रही है। गोपनीय तरीके से अनुसंधान जारी है। विदेशियों को संरक्षण देने वालों की भी जांच एजेंसियां जानकारी जुटा रही हैं। रांची जिले के विदशी शाखा में सबसे ज्यादा आवेदन व सूचनाएं मिशनरीज संस्थाओं के पड़े हैं।


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यहां विदेश से आने वाले हर एक नागरिक चाहे वह किसी देश का हो, उसकी सूचना पड़ी मिल जाएगी। जब उनकी सूचना रांची पुलिस की विदेशी शाखा में पड़ी मिल सकती है तो फिर विदेशी नागरिक की सूचना क्यों नहीं। झारखंड पुलिस मुख्यालय भी इस संबंध में कुछ भी बोलने से बच रहा है।   (स्त्रोत जागरण)