EMI पर तीन महीने की छूट, RBI ने कोरोना संकट में खोले राहत के दरवाजे

मुंबई: रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है. रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए MPC ने पहले बैठक की है. बता दें कि गुरुवार को सरकार ने गरीबों के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है. वित्‍त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत इस राहत पैकेज की घोषणा की है.


फरवरी की क्रेडिट पॉलिसी में स्थिर रखी गई थीं ब्याज दरें
गौरतलब है कि फरवरी की क्रेडिट पॉलिसी (Credit Monetary Policy) में रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. आरबीआई (RBI) ने ब्याज दरों को स्थिर रखा था. मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में बदलाव करने के पक्ष में नहीं थे. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 5.15, रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी, एमएसएफआर 5.40 फीसदी और बैंक रेट 5.40 फीसदी के स्तर पर बरकरार रखा था. RBI ने CRR 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखने की घोषणा की थी.


अब तक 5 बार हो चुकी है ब्याज दरों में कटौती
बता दें कि RBI की पिछली 6 मौद्रिक नीति की बैठक में से 5 में नीतिगत दरों में बदलाव हो चुका है. वहीं फरवरी में ब्याज दरों को लेकर हुई सातवीं बैठक में भी ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया गया था.


क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस दर पर रिजर्व बैंक (RBI) दूसरे व्यवसायिक बैंक को कर्ज देता है. व्यवसायिक बैंक रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर अपने ग्राहकों को लोन ऑफर करते हैं. रेपो रेट कम होने से आपके लिए लोन की दरें भी कम होती हैं. वहीं रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को रिजर्व बैंक में जमा उनकी पूंजी पर ब्याज मिलता है


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