मथुरा में आखिर मजदूरों ने क्यों तोड़ा सरकार के आदेशों का जाल

मथुरा : [टाईम फॉर न्यूज़ - कृष्णा शर्मा]   कोरोना वायरस के चलते भारत के कई राज्यों में फंसे मजदूरों को क्यों दिया जा रहा है झूठा आश्वासन क्यों रो पड़े सैकड़ों मजदूर कौन सुनेगा इन बेचारा मजदूरों की कब पहुंचेंगे अपने घर यूपी हरियाणा बॉर्डर पर जब रात को 10:00 बजे मजदूरों के बच्चे सड़कों के बीच रोड पर सोते नजर आए जब हमने उनसे पूछा तो काफी मजदूर निराश होकर बोले कि हमें कुछ नहीं चाहिए केवल हमको घर पहुंचा दें तो काफी मजबूर रोते हुए वहां से निकल पड़े और कई मजदूर महिलाओं ने जमकर जिला प्रशासन को कोसा और कहा हमको यहां पर झूठे वादे की जा रहे हैं और हम यहां बीच सड़क पर रुके हुए हैं और बच्चों के लिए खाने पीने के लिए कुछ भी नहीं दिया जा रहा है I



 


अगर कोई समाजसेवी नहीं होता तो शायद हम भूखे मर जाते क्यों हमको झूठे वादों की जंजीर में जकड़ कर रखा हुआ है आखिर क्या ऐसी हम पर गलती हो गई जो एक राज्य से दूसरे राज्य पर हमको छोड़ दिया जाता है और फिर झूठे झूठे आश्वासनों के बीच हम को रोक दिया जाता है यहां पर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही खाने पीने की तो छोड़िए यहां पर महिला के लिए शौचालय करने तक की व्यवस्था नहीं की गई जब हमने मजदूर महिलाओं से बात की तो सभी महिलाओं ने जिला प्रशासन और सरकार को इतना कोसा इनकी दिल के अंदर जो आक्रोश था जो गुस्सा था I


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उन्होंने मीडिया के माध्यम से बाहर निकाला और छोटे-छोटे बच्चे रात को सड़कों पर पैदल चलते नजर आए सबसे बड़ी बात हमको देखने को यह मिली औरैया कांड के बाद भी जिला प्रशासन के कान पर जूं रेंग रही हैं दोपहर को जिला अधिकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उनके बाद पुलिस महानिरीक्षक कमिश्नर मजदूरों का जायजा लेने पहुंचे उसके बावजूद रात को  यूपी हरियाणा बॉर्डर  पर जो मजदूरों का हाल था  वह  रोंगटे खड़े कर देने वाला था क्योंकि हजारों की तादाद में ट्रक निकल रहे थे I


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और उसी सड़कों के बीच मजदूर अपने बच्चों के साथ जमीन पर लेटे हुए थे औरैया में इतने बड़े  सड़क हादसे बाद जिसमें 24 मजदूर  की मौत हो गई थी और 35 मजदूर घायल थे क्यों नहीं रोका गया पुलिस द्वारा उन मजदूरों को जो ट्रक में बैठकर जा रहे थे, मजदूर अपने घर पर जाने के लिए मजबूर थे सुनिए इन सभी मजदूरों की कहानी आखिर कब तक इन को बंधक बनाकर रखा जाएगा और कब तक इनको इनके घर पर पहुंचाया जाएगा I
सबसे  बड़ी बात तो यह थी के बॉर्डर पर रात में कोई भी सक्षम अधिकारी मौजूद नहीं था I


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