बीसीसीआई ने इस महीने की शुरुआत में आईपीएल को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया था तबउसने कहा था कि टूर्नामेंट की मेजबानी केवल स्थिति में सुधार होने पर किया जाएगा। लेकिन इसमें सुधार होने की जगह स्थिति और गंभीर हो गयी जहां भारत में इस वायरस के चपेट में लगभग पांच सौ लोग आ गये है।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि गंभीर स्थिति को देखते हुए उनके पास इस मामले पर कहने के लिए कुछ नहीं है। गांगुली ने कहा, ‘‘मैं फिलहाल कुछ नहीं कह सकता। हम उसी स्थान पर हैं जहां हम इसे निलंबित करने वाले फैसला लेते समय थे। पिछले 10 दिनों में कुछ भी नहीं बदला है। ऐसे में मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है। यथास्थिति बनी हुई है।’’किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया इस मुद्दे पर अधिक स्पष्ट दिखे। वाडिया ने कहा, ‘‘ बीसीसीआई को वास्तव में आईपीएल को अब स्थगित करने पर विचार करना चाहिए। एक प्रमुख खेल आयोजन के तौर पर हमें बड़ी जिम्मेदारी के साथ काम करने की जरूरत है।’’ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘ मई तक स्थिति में अगर सुधार होता है और मुझे आशा है कि ऐसा होगा तो भी हमारे पास कितना समय रहेगा। क्या तब विदेशी खिलाड़ियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति होगी?’’इससे पहले मंगलवार को बीसीसीआई ने अधिकारियों और टीम के मालिकों के सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था क्योंकि देश और दुनिया में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि जारी है।
ग्लैमर और चकाचौंध से भरी आठ टीमों की यह लीग प्रतियोगिता मूल रूप से 29 मार्च को मुंबई में शुरू होने वाली थी। ऐसा लग रहा कि बीसीसीआई को अब भी स्थिति में सुधार की संभावना दिख रही इस लिए वह कोई फैसला नहीं कर पा रहा है। इस मामले से जुडे बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर ओलंपिक को एक साल के लिए स्थगित किया जा सकता है, तो आईपीएल उस लिहाज से बहुत छोटा टूर्नामेंट है। इसे आयोजित करनामुश्किल होता जा रहा। हमें इस बात को भी सोचना चाहिए की अभी सरकार विदेशी वीजा की अनुमति देने के बारे में भी विचार भी नहीं कर रही।’’ बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘21 दिन के लॉकडाउन के बाद अब यह लगभग असंभव सा होगा की चीजें सामान्य हो। लॉकडाउन हट गया तो भी 14 अप्रैल के बाद भी बहुत सारे प्रतिबंध जारी रहेंगे। ऐसे में लीग को रद्द नहीं करना मूर्खता होगी।