एक गाँव में ऐलान होता है , गाँव में बाढ आने वाली है सभी गाँव खाली कर उँची जगह चले जाए , सभी गाँव वाले गाँव खाली कर उँची जगह चले जाते हैं ...
सिर्फ एक गाँव वाला जो ईश्वर का भक्त था , वह नहीं गया और कहा कि मुझे मेरे प्रभु पर बहुत विश्वास है....
गाँव के सरपंच ने, मुखिया ने आकर बहुत समझाया पर वह नहीं माना...
बाढ़ का पानी बढ़ता गया वह घर के छत पर चढ़ गया, कुछ नाव में बचाव कर्मी उनको बचाने आये तो उनके साथ भी जाने से इनकार कर दिया और कहा कि मुझे भगवान पर पूरा विस्वास है भगवान मुझे बचा लेंगे।
बाढ़ का पानी और बढ़ा और पानी छत को छूने लगा तब हेलीकाप्टर से उनको बचाने आये पर वह उनके साथ भी जाने से इनकार कर दिया और बोला मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है भगवान मुझे बचा लेंगे।
बाढ का पानी और बढ़ा और वह भक्त बह गया और मर गया...
जब वह भक्त मर कर ईश्वर के पास पहुंचा तो उसने ईश्वर से गुस्से से कहा, मैं तो आपका भक्त था आप पर मुझे पूरा भरोसा था तो आपने मुझे क्यों नहीं बचाया..
प्रभु जी मुस्करा कर बोले ...
आया तो था तुझे बचाने ...
कभी सरपंच, मुखिया के रूप में...
कभी नाव में बचाव कर्मी के रूप में ....
कभी हेलीकाप्टर में आपको बचाने....
पर तुम मानने को तैयार ना थे...
तो मित्रों..!
सरकार ने...
प्रशासन ने...
डॉक्टरों ने....
आप सभी को सलाह दे रहे है इस विपदा से निकलने के लिए, यह भी एक प्रकार से ईश्वर का ही रूप है।
इनकी सलाह को ईश्वर की सलाह मानकर इनकी बातों पर अमल करें.!
यह सब हमारी भलाई के लिए है....
जान है तो जहान है....!!