घर में रहें ,सुरक्षित रहें

लेखक : वनमाली सोनानी- सूरत


आज अगर, ऱाम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर, कबीर तुलसी या ओशो भी होते तो उनके शरीर पर भी ये वायरस असर करता । सुकरात पर  भी जहर का असर हुआ था ।



सिर्फ मीरा पर जहर का असर नहीं हुआ ।हालांकि ये बात मुझे काल्पनिक लगती है पर थोड़ा गहरे मे जाएं तो पता चलता है कि कृष्ण की कृपा से वो जहर अमृत भी हो गया था। इसलिए मीरा की मृत्यु का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। कहते हैं वो सशरीर ही मूर्ति में समा गई थी...!


शरीर मिट्टी है चाहे वह अवतार लेने वाले का ही क्यों न हो...उसे व्याधि, पीड़ा और मृत्यु से गुजरना ही होता है ।


जीवित शरीर जो बोलता - सुनता ,चलता -फिरता , एकमात्र ही ऐसा यंत्र है जिससे आत्मा के अस्तित्व का आभास होता है। मृत शरीर के postmortem में कभी आत्मा की मौजूदगी नहीं पाई गई है ।


शरीर साधन है ..मंदिर है ..और हम आत्मा की खोज मे सफल हो या न हो..आखिर इसे हर हाल मे मिट्टी ही होना है।


महत्व तो उस तथाकथित आत्मा का है...जिसका जिक्र गीता में है । जो ना कभी मरती है कटती है ना जलती है ना ही नष्ट होती है ।


इसलिए अपने सुन्दर बलिष्ठ शरीर पर गुमान न करें , अन्यथा हमे कभी आत्मा मिले न मिले..पर चित्रगुप्त (korona) हमसबका लेखा जोखा लिये चौराहे पर खड़े है....और उनके target इतने भयानक है की अभी रामलाल की जगह श्याम लाल को भी ले जाने से नही चूक रहे हैं ,Abdul की जगह हामिद को भी उठा ले रहे हैं ।इसलिए घर पर रहें, सुरक्षित एवं स्वस्थ रहें ।