मंगल वेद मंत्रों के साथ मानव प्रजाति के कल्याण के लिए जप अनुष्ठान

सच्चिदानंद तिवारी -नई दिल्ली


ओम विश्वानि देव सवित सविता दूर तानी परा शुभा यह भद्रं तन सुबह हे सर्कल सुख के दाता  ज्ञान के प्रकाशक सकल जगत उत्पत्ति करता एवं संपूर्ण ऐश्वर्या युक्त परमेश्वर आप हमारे संपूर्ण दुर्गुणों दुर्गेश नो और दुखों को दूर कीजिए निम्न वैदिक यजुर्वेद ईशा वास उपनिषद सूक्ति संपूर्ण मानव प्रजाति की कल्याण की कामना करती है आज जो संपूर्ण विश्व कोरो ना वायरस जैसी महामारी से ग्रसित है तथा समस्त मानव जैन इमाम त्राहिमाम कर रहा है आर्थिक व्यवस्था मानव धरातल में जग रही हो मानव के कुकृत्य एवं दुष्परिणामों के कारण यह आज दुर्दशा सबके सामने आकर के खड़ी हो गई है इस समय विभिन्न देश इस समस्या के सामने किम कर्तव्य भी मूड से हो गए हैं तब संपूर्ण विश्व एक देश की तरफ आंखें खोल करके फरियाद करते हुए देख रहा है वह भारत विश्व जिसने संपूर्ण महामारी को पहले भी पराजित किया हुआ है



           हमारा भारत देश जोकि वैदिक संस्कृति व संस्कारों से ओतप्रोत है हमारी वैदिक संस्कृति जोकि वैज्ञानिक आधार भी है जिसने पूर्व में भी वेदों के द्वारा उपनिषदों के द्वारा सर्वे भवंतु सुखिनः वसुधैव कुटुंबकम अन्य सुख क्यों के द्वारा मनुष्य को एक रंग में एकजुट रहने का संस्कार दिया है उन्हें ऋषि-मुनियों उन्हें ऋषि-मुनियों परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ब्राह्मण समाज के द्वारा आज दिल्ली प्रांत 5322 शोरा कोठी बाबा खिलौना नाथ मंदिर प्रांगण में आचार्य कुंज बिहारी एवं श्री महा मना ज्योतिषाचार्य अशोक भट्ट पंडित विनीत शास्त्री पंडित सच्चिदानंद शांडिल्य पंडित अभिषेक तिवारी आचार्यों द्वारा मंगल वैदिक मंत्रों के द्वारा संपूर्ण मानव प्रजाति के कल्याण के लिए जप अनुष्ठान प्रारंभ किया गया इसमें भारत सरकार के द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन भी किया गया I


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